5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
Blog Article
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग shiv chalisa in hindi की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जन्म जन्म के पाप Shiv chaisa नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
O Lord, the beloved daughter of Maina on Your left provides for your splendid visual appeal. O Wearer on the lion's pores and skin, the trishul as part of your hand destroys all enemies.
येहि अवसर मोहि आन उबारो shiv chalisa in hindi ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।